जय श्री राम, आप सबका Krishna Quotes के लेख पर स्वागत है।
भगवान श्रीकृष्ण जीवन का एक सार है और जिसने इनके सार को समझ लिया वो इंसान इस जीवन को अच्छे से समझ सकता है और उनके वचन सदियों से मानव जाति के लिए प्रेरणा का स्रोत रहे हैं। भगवान श्री कृष्ण ने अपनी पूरी ज़िन्दगी में जीवन, कर्म, प्रेम, और भक्ति का अनमोल संदेश दिया है जो हर इंसान को उनके मार्ग पर ले जाने के लिए अच्छा सिद्ध साबित हुआ। इस लेख में हम Lord Krishna Quotes In Hindi के कुछ अनमोल वचनों के विस्तार को समझेंगे और जानेंगे कि कैसे इन वचनो को हम अपनी ज़िन्दगी में फॉलो करेंगे।
Table of Contents
Lord Krishna Quotes In Hindi :- जीवन में प्रेरणा और मार्गदर्शन
भक्त :- कर्म करो, फल की चिंता मत करो।
जो हुआ, अच्छा हुआ। जो हो रहा है, वह भी अच्छा हो रहा है।
प्रेम में सबसे बड़ी ताकत है, जो कठिन से कठिन समय को भी सरल बना देता है।
जीवन में धैर्य सबसे बड़ी संपत्ति है।
आत्मा अमर है, मृत्यु केवल शरीर का परिवर्तन है।
हर इंसान अपने कर्म से ही महान बनता है।
दूसरों की सेवा करना ही सच्ची भक्ति है।
धैर्य से बढ़कर कोई मित्र नहीं।
सच्चा धैर्यवान वही इंसान है जो सभी परिस्थितियों में शांत रहे।
ज्ञान से बड़ा कोई धन नहीं।
सच्चा प्रेम पाने के लिए त्याग करना सीखो।
मोह ही सबसे बड़ा बांध है।
अपने मन में शांति रखो, सफलता तुम्हारे कदम चूमेगी।
दूसरों को दोष मत दो, अपने पर पर ध्यान दो।
हर व्यक्ति अपने भाग्य का निर्माता खुद है।
सत्य ही सबसे बड़ा धर्म है।
जो आत्मा की शक्ति को पहचानता है, वह सबसे अधिक सरल इंसान होता है।
विश्वास करना ही जीवन का आधार है।
सिर्फ प्रेम और भक्ति करने से ही भगवान को पाया जा सकता है।
हर परिस्थिति में पॉजिटिव बने रहें।
इंसान का स्वभाव मतलब नेचर ही उसका सबसे बड़ा मित्र या शत्रु माना जाता है।
जिस इंसान में दया है, वह भगवान के सबसे निकट होता है।
सच्चे योगी वही है जो अपनी इन्द्रियों पर विजय प्राप्त करते हैं।
ईश्वर को पाने के लिए ईश्वर का स्मरण करते रहो, ईश्वर तुम्हारे साथ है।
मनुष्य को अपने धर्म में निष्ठा रखनी चाहिए।
असफलता से घबराएं नहीं, असफलता के बाद ही सफलता आती है।
सच्चा इंसान वही है जो अपने अंदर की बुराइयों से लड़ता है।
मनुष्य को अपनी आत्मा को पहचानना चाहिए।
अपनी कमियों को देखना ही सच्ची योग साधना है।
अहंकार से व्यक्ति धर्म के रास्ते से भटक जाता है।
जो वक्त का आदर करता है, सफलता उसे प्राप्त होती ही होती है।
क्रोध से दूर रहो, वह तुम्हारे जीवन को नष्ट कर देता है।
दूसरों की भलाई करने में ही सच्ची खुशी है।
केवल कर्म और कर्म से ही व्यक्ति महान बनता है।
दूसरों के प्रति दयालु बनो, भगवान तुम्हें शांतिपूर्ण जीवन देगा।
भगवान पर विश्वास रखो, ऊपरवाला तुम्हें सही दिशा दिखाएगा।
हर व्यक्ति के अंदर भगवान विराजमान है।
अपनी मेहनत पर विश्वास रखो, भगवान तुम पर विश्वास रखेंगे।
प्रेम में अहंकार नहीं होना चाहिए, बल्कि दया और भक्ति होनी चाहिए।
जो अपने कर्मों से प्यार करता है, वह सबसे अधिक सफल होता है।
जिस इंसान पर भगवान की कृपा रहती है, वह सबसे धनवान इंसान होता है।
दूसरों के प्रति निंदा का भाव मत रखो।
ईश्वर के प्रति श्रद्धा रखो।
मन को शांत रखो, जीवन का हर पल मधुर हो जाएगा,
सत्य की राह पर चलो, सारा संसार तुम्हारा हो जाएगा।
कर्म करते रहो, फल की चिंता मत करो।
बिना स्वार्थ के प्रेम करना ही सच्चा प्रेम है।
आत्मा का ज्ञान सबसे बड़ी शिक्षा है।
सत्य का पालन करने वाले इंसान को भगवान भी आशीर्वाद देते हैं।
मन की शांति ही सबसे बड़ी संपत्ति है।
अपने जीवन को प्रेम और करुणा से भर दो।
सभी जीवों के प्रति दया की भावना रखो।
हमे श्रीकृष्ण के वचन क्यों पढ़ने चाहिये?
अगर आप श्रीकृष्ण जी के जीवन के बारे में पढ़ेंगे तो आपको समझ में आएगा की, उनका जन्म काल कोठरी में हुवा, वो एक मध्य परिवार में पले बड़े, बचपन से ही उनके पीछे शत्रु लगे हुवे थे, उनका जीवन उतना आसान नहीं था जितना लोगो को लगता है। इन सब परिस्थिति के बावजूद उन्होंने अपना धैर्य नहीं खोया बल्कि दूसरों के प्रति प्रेम और दया का भाव रखा। भगवान श्रीकृष्ण जी ने सदैव दुसरो को मार्गदर्शन प्रदान प्रदान किया।
भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण के प्रेरणादायक वचन
ये वचन जिसने अपने जीवन में अपना लिया, उसका जीवन सफल जा सकता है, बस शर्त ये है की, आपको इन वचनों को अपने जीवन में घोल कर पीना होगा।
1. कर्म योग के सिद्धांत
भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कर्म योग का महत्व बताया है। उनका कहना है कि आप जीवन में कर्म करते रहिये, लेकिन फल की चिंता किए बिना। इस तरह की विचारधारा आज के समय में रख पाना बहुत मुश्किल है, तो कोशिश करिये और जीवन में बदलाव देखिये।
2. जीवन और मृत्यु के बारे में विचार
श्रीकृष्ण जी के अनुसार, “आत्मा अमर है और मृत्यु दूसरा पड़ाव है।” इस विचारधारा का संदेश ये है कि :- हमें मृत्यु का डर नहीं रखना चाहिए क्योंकि मृत्यु आनी ही आनी है, तो सिलिये जीवन को मुक्त भावना से जीना चाहिए, मतलब जितनी जिंदगी है उसे हंस खेलकर एंजॉय करके जीनी चाहिये।
श्रीकृष्ण वचन और उनका अर्थ
1. “कर्म करो, फल की चिंता मत करो”
श्री कृष्ण जी के अनुसार इस वचन का अर्थ है कि हमें अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए, बिना किसी चिंता के कि इसका परिणाम क्या होगा, बिना सोचे समझे कर्म करते रहना चाहिए। इससे जीवन में शांति प्राप्त होती है।
2. “प्रेम और भक्ति से सब कुछ संभव है”
भगवान श्रीकृष्ण ने प्रेम को हर स्थान से सबसे ऊपर रखा है। उनका मानना था कि सच्चे प्रेम और भक्ति से मनुष्य हर बाधा को पार कर सकता है।
जीवन के प्रति श्रीकृष्ण के दृष्टिकोण का महत्व
जीवन के प्रति भगवान श्रीकृष्ण का ये सोचना था कि, हमें अपने जीवन को आसान और सरल व्यतीत करना चाहिए, चाहे जीवन में कितनी भी परिस्थितियाँ क्यों ना आये, पर खुद को धैर्यवान रखना चाहिए। जिससे हम आंतरिक सुख की प्राप्ति कर सकते हैं। उनके विचार हमें यह सिखाते हैं कि जीवन में कर्म करना हमारा धर्म है और अपने कर्मों का फल भगवान पर छोड़ देना चाहिए।
शांति और आंतरिक सुख का संदेश
भगवान श्रीकृष्ण के अनुसार सच्ची शांति और सुख तभी प्राप्त होता है जब हम अपने मन को नियंत्रित करते हैं और ध्यान के माध्यम से ईश्वर से जुड़ते हैं। उनके वचनों का यह हिस्सा हमें आंतरिक शांति और सुख की ओर प्रेरित करता है।
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धैर्य और साहस का महत्व
श्री कृष्ण जी के अनुसार धैर्य और साहस का जीवन में बहुत महत्वपूर्ण महत्व है। धैर्य हमें कठिन समय में शांत रहना सीखता है, जबकि साहस उन परिस्थितियों का सामना करने में शक्ति देता है। आजकल के दौर में बहुत कम ऐसे लोग है जिनमे धैर्य होगा, भाग दौड़ की जिंदगी में सभी फसे पड़े है जिस करके सब में धैर्य छुप सा गया है। धैर्य एक ऐसा साधन से जिसे रखने से इंसान सही निर्णय लेने में सक्षम रहता है। यह एक ऐसा गुण है जो बड़ी से बड़ी समस्या आने पर भी समाधान की ओर ले जाता है।
FAQ
1. श्रीकृष्ण के वचनों का जीवन में क्या महत्व है?
श्रीकृष्ण का मानना था कि, जीवन में आप धैर्य रखें और अपने कर्म करने जाए वो भी बिना किसी लालच के और फिर देखते जाए की, आपका जीवन कैसे अच्छा जाता है।
2. भगवत गीता में श्रीकृष्ण के कौन-कौन से प्रमुख वचन हैं?
भगवत गीता में कर्मयोग, ज्ञान योग, और आत्मा की अमरता के बारे में कई महत्वपूर्ण वचन हैं।
3. क्या श्रीकृष्ण के वचनों का पालन आज के समय में किया जा सकता है?
जी हाँ, श्रीकृष्ण के वचनों का पालन आज के समय में किया जा सकता है।
4. भगवान श्रीकृष्ण का प्रमुख संदेश क्या है?
फल की चिंता नहीं करनी चाहिए।